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बैंक लोन के लिए ITR कैसे फाइल करें – सैलरीड और बिज़नेसमैन दोनों के लिए पूरी गाइड

Published: Jul 26, 2025 55 views min read
सैलरी और बिज़नेसमैन दोनों को अगर बैंक से लोन लेना है (जैसे CC लिमिट, होम लोन, बिज़नेस लोन आदि), तो उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) इस तरह से फाइल करवाना चाहिए कि वो बैंक में फाइनेंशियलली स्ट्रॉन्ग और स्टेबल दिखें। नीचे दोनों कैटेगरी के लिए विस्तार से बताया गया है: --- 🔹 1. Salary वालों के लिए ITR फाइल करने का सही तरीका (Loan Purpose ke liye) ✅ क्या-क्या दिखाएं: 1. Form 16 (Employer से मिला हुआ) 2. Gross Annual Salary, HRA, Basic, Bonus आदि क्लियर होना चाहिए। 3. Standard Deduction ₹50,000 जरूर क्लेम करें। 4. Section 80C (LIC, PPF, EPF आदि) और 80D (Health Insurance) की डिटेल्स दें। 5. Net Taxable Income ज्यादा दिखे — क्योंकि बैंक उसी पर लोन eligibility तय करता है। 6. यदि आप कोई अन्य income (FD interest, rent etc.) कमाते हैं, तो उसे भी declare करें। ⚠️ ध्यान रखें: Net salary बहुत कम दिखाने के चक्कर में ज़्यादा deductions मत दिखाइए, वरना loan eligibility घट जाएगी। 2 या 3 साल की ITR history रखें। --- 🔹 2. बिज़नेसमैन के लिए ITR फाइल करने का सही तरीका (Loan Purpose ke liye) ✅ क्या-क्या दिखाएं: 1. Turnover या Gross Receipt ITR-3 या ITR-4 में declare करें। 2. Net Profit सही तरीके से दिखाएं — कम profit दिखाने से आपकी eligibility घटेगी। 3. Presumptive Taxation (ITR-4) लेने पर 6%/8% Net Profit mandatory होता है — इसको bank मानता है। 4. यदि आप audit वाले limit में नहीं हैं, तब भी साफ-सुथरी बिलिंग और bank statement जरूरी हैं। 🔍 उदाहरण: अगर आपका सालाना turnover ₹50 लाख है, तो कम से कम ₹4–5 लाख Net Profit दिखाएं ताकि बैंक को लगे कि आप EMI दे सकते हैं। Proper balance sheet और profit-loss भी साथ में रखें। --- 📋 बैंक में Loan Eligibility बढ़ाने के लिए Best Practices: जरूरी बात कारण ITR minimum 2 या 3 साल की history Continuity दिखती है Net Income ₹2–5 लाख या उससे ज्यादा रखें EMI देने की capacity साबित होती है Loan से पहले के साल की ITR strong रखें ताकि loan मंज़ूरी जल्दी मिले GST रिटर्न (अगर applicable हो) Additional proof of sales --- 🧾 BONUS: ITR Filing से पहले ध्यान रखें: किसी भी प्रकार की Cash Sale या Income को बैंक में reflect कराएं, ताकि बैंक उसे मान सके। अगर कोई loan पहले से चल रहा हो, तो उसकी EMI भी ITR में दिखाएं। Advance Tax या TDS deduct हुआ हो तो उसका सही रिकॉर्ड रखें। --- ✅ क्या करें: CA या Tax Expert से ही ITR फाइल कराएं, जो बैंक लोन के नजरिए से सही projection बना सके। ITR में जो भी income दिख रही है, उसे अपने bank account और documents में भी match कराए |

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